मैं ग़लत हूं, कुछ की नज़रों में..
मैं ग़लत हूं, कुछ की नज़रों में,
क्यूं बयां करूं, मैं कैसा हूं
मैं जानता हूं, मैं जैसा हूं।
मुझे नहीं सफाई देनी है,
मुझे नहीं गवाही देनी है,
मैं जैसा हूं सब जानता हूं।
मैं खुद को खूब पहचानता हूं,
मैं सही हूं, खुद की नज़रों में।
मैं ग़लत हूं कुछ की नज़रों में,