Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2020 · 1 min read

” मैं गणित हूं ! ”

शून्य से शुरू अनंत तक भी खत्म नहीं ,
चलती – फिरती हिसाब – किताब की छड़ी हूं ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

जोड़ती अंकों को ,
घटा से बड़ी हूं ,
और भाग से कटी हूं ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

आर्य से रामा के ,
परीक्षण की उत्पत्ति हूं ,
गृहविज्ञान से भौतिक विज्ञान तक
जुड़ी हूं ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

डिग्री से रेडियन तक ,
सेल्सियस से फारेनहाइट तक ,
केल्विन से मेरिडियन तक ,
सबसे खेलती हूं ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

गोरस से हीरोन तक चली हूं ,
ऑयलर सूत्र से यूक्लिड की ज्यामिति हूं ,
त्रिकोण से उलझ कर क्षेत्रमिति में लगी हूं ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

पृथ्वी से चांद की दूरी तक ,
सूर्य से ग्रहों की समीपता तक ,
गुणसूत्रों से हड्डियों की गिनती तक ,
सब संभव कर देती हूं ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

मापन क्रिया ना मेरी बीना संभव ,
इसलिए मैं सबकी सज्जन ।
लाख बच लो मुझसे तुम ,
मेरे बिना ना गणना संभव ।
क्योंकि मैं गणित हूं !

ज्योति
नई दिल्ली

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 703 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all

You may also like these posts

" बेशुमार दौलत "
Chunnu Lal Gupta
आशा
आशा
Nutan Das
💐 *दोहा निवेदन*💐
💐 *दोहा निवेदन*💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ना मुझे बिहारी कहना प्यारे,
ना मुझे बिहारी कहना प्यारे,
श्रीहर्ष आचार्य
आपके मन में विचारों का आवागमन जितना कम होगा, जीवन की यात्रा
आपके मन में विचारों का आवागमन जितना कम होगा, जीवन की यात्रा
ललकार भारद्वाज
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
सुनो
सुनो
sheema anmol
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
गीत
गीत
Shiva Awasthi
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
gurudeenverma198
दर्द
दर्द
Ashwini sharma
यादें
यादें
Kaviraag
ये मद मस्तियाँ अब जाने भी दे जरा
ये मद मस्तियाँ अब जाने भी दे जरा
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
चिरयइन की चहक, मिट्टी की महक
चिरयइन की चहक, मिट्टी की महक
Vibha Jain
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
Mamta Rani
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
"रिश्तों में चतुराई"
Yogendra Chaturwedi
योग
योग
Rambali Mishra
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तब बसंत आ जाता है
तब बसंत आ जाता है
Girija Arora
"जब आपका कोई सपना होता है, तो
Manoj Kushwaha PS
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
Dr. Sunita Singh
4888.*पूर्णिका*
4888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . . . शृंगार
दोहा त्रयी. . . . शृंगार
sushil sarna
राजनीती
राजनीती
Bodhisatva kastooriya
" बोलियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज का दोहा...।
■ आज का दोहा...।
*प्रणय*
Loading...