मैं कौन हूँ
धरा हूँ या गगन ,
तूफा हूँ कोई सघन।
प्रकृति की लय हूँ या
खुद में विलय हूँ,
पराजय की शिखर पे
हुंकार कोई विजय हूँ।
पीड़ा के गर्भ से
जन्मी कृतिका या
बढ़ती अकेली वीथिका।
सांस हूँ या प्रस्वास
जीवन का उच्छवास,
धीर हूँ अधीर हूँ या
टूटती कोई लकीर हूँ।
शेष हूँ , अशेष हूँ या
सम्पूर्णता का भेष हूँ।
आदि हूँ अन्त हूँ
कालरात्रि काली व्यक्त हूँ।
जङ हूँ या चेतन,
अभिव्यक्ति कोई स्वतंत्र हूँ।
……………पूनम कुमारी(आगाज ए दिल)