मैं कौन हूँ सोचती हूँ
कौन हूँ सोचती हूँ?
मैं कौन हूँ….?
क्या मैं प्रकृति की सुंदर रचना हूँ?
क्या मैं आभा हूँ सुनहरी सी?
सूर्य की सुनहरी किरणों की,रुपहली सी
क्या मैं दीपक हूँ ?
क्या मैंरात्रि के दीपक की, मैं आभा हूँ,
क्या मैं धैर्य हूँ असीमित?
क्या मैं पृथ्वी की,चाह हूँ?
क्या मैं सुमधुर पुष्प की आशा हूँ?
क्या मैं अभिलाषा हूँ,
क्या मैं मातृ पिता के स्वप्नों की चाह हूँ?
क्या मैं इच्छा हूँ, अपने सपनो की?
क्या मैं खिले जीवन की कलियों सी हूँ?
क्या मैं निर्मल हूँ,पवित्र सी?
क्या मैं नदी की धारा,सी स्वार्थहीन हूँ,
क्या मैं प्रखर भी हूँ, मैं आभा हूँ,
क्या मैं शीतल चाँदनी की,सुहानी चमक सी हूँ?
क्या मैं निश्चल प्रेम की गाथा, सी हूँ?
क्या मैं अभिलाषा हूँ,अपने प्यार की?
क्या मैंअपने प्रियतम की प्रेमिका सी हूँ
क्या मेरे अंदर अथाह प्रेम सागर हैं?
कौन हूँ सोचती हूँ?
मैं कौन हूँ….?