हो जाऊं तेरी!
हो जाऊं तेरी!
खो जाऊं तुझमे मेरा जी करता है
हो जाऊं तेरी, मेरी रूह कहती है।
प्यार में मेरी जान,तू मेरा ख़ुदा हो गया
न जाने कब कैसे मेरी जान बन गया।तेरे गुज़रे हर रास्ते पर नज़र रुक जाती
तेरे कदमों की मिट्टी को रहती हूं चूमती
मेरी नैनों का नज़ारा तू,
मेरे जीने की वजह भी तू।
क्या करूँ बयान मेरी शायरी के हर अल्फ़ाज़ में तू।
मेरी कहानी के हर पन्ने में बस्ती पूरी हकीकत है तू।
खुद को तुझमे खोया तब जाके तुझे पाया है,
मेरी जान बरसों की तपस्या के बाद खुद को तेरा पाया है।
मुझे तू कोई नाम दे या न दे,मेरी जान बस मेरा रहना,
कोई पहरा नहीं तुझपर, जाने से पहले मुझे बताकर जाना।