Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

मैं कभी नहीं कहूंगी

मैं कभी नहीं कहूंगी मैं दुखी हूं
तुम आंखों में मेरी उदासी देख लेना,

मैं कभी नहीं कहूंगी मन भर सा है
तुम बेवजह भी मुझे कभी भी गले से लगा लेना,

मैं कभी नहीं कहूंगी रुक जाओ
तुम खुद ही किसी बहाने से मेरे पास कुछ वक्त और रह लेना,

मैं कभी नहीं कहूंगी मुझे क्या चाहिए
बस तुम पहले से थोड़ा ज्यादा मुझे और चाह लेना…!

~ गरिमा प्रसाद

Language: Hindi
197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
नदी
नदी
Kumar Kalhans
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तु आदमी मैं औरत
तु आदमी मैं औरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
निरीह गौरया
निरीह गौरया
Dr.Pratibha Prakash
कैसी
कैसी
manjula chauhan
आओ बुद्ध की ओर चलें
आओ बुद्ध की ओर चलें
Shekhar Chandra Mitra
सागर से दूरी धरो,
सागर से दूरी धरो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
समसामायिक दोहे
समसामायिक दोहे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुस्सा सातवें आसमान पर था
गुस्सा सातवें आसमान पर था
सिद्धार्थ गोरखपुरी
डर
डर
Neeraj Agarwal
इस घर से .....
इस घर से .....
sushil sarna
दो शब्द
दो शब्द
Ravi Prakash
जीवन रूपी बाग में ,सत्कर्मों के बीज।
जीवन रूपी बाग में ,सत्कर्मों के बीज।
Anamika Tiwari 'annpurna '
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
If you want to be in my life, I have to give you two news...
If you want to be in my life, I have to give you two news...
पूर्वार्थ
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
पागल।। गीत
पागल।। गीत
Shiva Awasthi
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
Ravi Betulwala
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
Rj Anand Prajapati
मोदी ही क्यों??
मोदी ही क्यों??
गुमनाम 'बाबा'
Loading...