Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

मैं एक महाकाव्य बनना चाहूंगी

*मैं एक किस्सा नहीं, एक महाकाव्य बनना चाहूँगी
बातें बड़ी ही सही,परन्तु सागर की स्याही,
कलम मैं खुद बनना चाहूँगी *
*आयी हूँ दुनियां में
तो कुछ करके जाऊंगी
सुंदर तरानों के कुछ गीत
सुहाने छोड़ जाऊंगीं *
*यूं ही नहीं चली जाऊंगीं
परस्पर प्रेम के रंगों से
यह जहां सजाऊंगी
कुछ मीठे जज्बातों से
हर दिल में घर बनाऊंगी*
कोई याद ना करे फिर भी
याद आऊंगीं, क्योंकि अपने
तरानों के कुछ अमिट निशान
छोड़ जाऊंगी *
*अपने लिये तो सब जिया करते हैं
मैं कुछ – कुछ दुनियां के लिये भी जीना चाहूँगी
मैं किस्सा नहीं एक उपन्यास बनना चाहूँगी
मैं मेरे जाने के बाद भी, अपने शब्दों मे जीना चाहूँगी *

Tag: Poem
87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डूबा हर अहसास है, ज्यों अपनों की मौत
डूबा हर अहसास है, ज्यों अपनों की मौत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ नया लिखना है आज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
🙅चलो रायबरेली🙅
🙅चलो रायबरेली🙅
*Author प्रणय प्रभात*
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
विमला महरिया मौज
* सोमनाथ के नव-निर्माता ! तुमको कोटि प्रणाम है 【गीत】*
* सोमनाथ के नव-निर्माता ! तुमको कोटि प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
ruby kumari
3105.*पूर्णिका*
3105.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिव मिल शिव बन जाता
शिव मिल शिव बन जाता
Satish Srijan
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
7. तेरी याद
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
"जब आपका कोई सपना होता है, तो
Manoj Kushwaha PS
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Asman se khab hmare the,
Asman se khab hmare the,
Sakshi Tripathi
जैसे एकसे दिखने वाले नमक और चीनी का स्वाद अलग अलग होता है...
जैसे एकसे दिखने वाले नमक और चीनी का स्वाद अलग अलग होता है...
Radhakishan R. Mundhra
हिन्दी के हित प्यार
हिन्दी के हित प्यार
surenderpal vaidya
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
Mukesh Kumar Sonkar
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
शिव प्रताप लोधी
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
shabina. Naaz
"खुश होने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
'मौन अभिव्यक्ति'
'मौन अभिव्यक्ति'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...