“मैं एक कलमकार हूँ”
“मैं एक कलमकार हूँ”
मैं एक कलमकार हूँ
कलम का धर्म निभाऊंगा,
चाहे समझे कोई कुछ
पर इंकलाबी-गान सुनाऊंगा,
कलम की पतवार से
हर कश्ती पार लगाऊंगा,
माँ भारती की सेवा में
सब कुछ अर्पण कर जाऊंगा।
“मैं एक कलमकार हूँ”
मैं एक कलमकार हूँ
कलम का धर्म निभाऊंगा,
चाहे समझे कोई कुछ
पर इंकलाबी-गान सुनाऊंगा,
कलम की पतवार से
हर कश्ती पार लगाऊंगा,
माँ भारती की सेवा में
सब कुछ अर्पण कर जाऊंगा।