Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2021 · 1 min read

मैंने देखा है

मैं जैसे…
रख देती हूं
फिर से उठाकर
तुम्हारे अनमोल अहसास
अतीत की दहलीज पर,
मैंने देखा है..
तुम में स्ययं को
तुम्हारी आंखों मे स्ययं का विलय
आंसुओ से सींचती अपने को
कुछ तस्वीरे भी बया करती है
मैने देखा हैं..
तुम्हारी हंसी में अपनी
जीवन प्रेम-क्षणिकाऐं,उभरती हुई
और उगती सी विरह वेदना
मैंने देखा है..
होठों पर मधुमास सी मुस्कान,
मैं उसमे अपने को मुस्काती सी
उसमे ही खुशी की अनुभूति स्पर्श करती
मैने देखा है..
तुम्हे सूरज की गति से चमकते हुए,
तुम में खुद को पाती रही चमक सी बन
फूलों की टहनियों का महकना उन संग
मैने देखा है..
अमलतास सा मिठास लिए वो फलियां
कांटों संग फूल सा बन‌ खिले जाना
ओर महकना कांटो साथ आनंदित पल
मैने देखा है..
अब भी व्याप्त है तुम में अपना पन
तुम्हारे पास होने सा प्रतीत हुआ,
सच में चांद‌ ज़मीं पर आया सा लगता
मैने देखा है..
शेष है मेरा तुम में सिमट जाना
एक पूर्ण मास के समान हो जाना,ओर
तारीखों का जल्दी घट जाना कलैंडर से
मैने देखा है..
मैं भी भरना चाहती हूं ऊंची उड़ान
तुम्हारे पास आ जाने के लिए,
तुम्हे पास से छूने के लिए,सुखद अहसास के लिए
मैने देखा है..
पर जब-जब भी तुम पास होते हो
इस तरह हो जाते हो मुझ में विलीन से
सांसों में बस जाते हो महक से मलय पवन से
तुम्हारी खुशबू में मैं पल पल
महकती रहना चाहती हूँ तुम संग

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
द माउंट मैन: दशरथ मांझी
द माउंट मैन: दशरथ मांझी
Jyoti Khari
3313.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3313.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
आत्महत्या कर के भी, मैं जिंदा हूं,
आत्महत्या कर के भी, मैं जिंदा हूं,
Pramila sultan
💐प्रेम कौतुक-94💐
💐प्रेम कौतुक-94💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
"औकात"
Dr. Kishan tandon kranti
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
सत्य कुमार प्रेमी
धर्म-कर्म (भजन)
धर्म-कर्म (भजन)
Sandeep Pande
नूतन सद्आचार मिल गया
नूतन सद्आचार मिल गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सियासत में
सियासत में
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राखी सांवन्त
राखी सांवन्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यक्ष प्रश्न है जीव के,
यक्ष प्रश्न है जीव के,
sushil sarna
स्वास विहीन हो जाऊं
स्वास विहीन हो जाऊं
Ravi Ghayal
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
Shweta Soni
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
Thunderbolt
Thunderbolt
Pooja Singh
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
कवि दीपक बवेजा
ज़िंदगी तेरा हक़
ज़िंदगी तेरा हक़
Dr fauzia Naseem shad
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
Loading...