Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2022 · 1 min read

मैंने अपनी क्यों नहीं सुनी

स्वप्न कांच की भांति टूट जाते हैं ,
इच्छाएं रेत की भांति बिखर जाते हैं ,
एक लम्बा सफ़र बिना किसी आराम
तय होता रहता है ,
कभी इसकी सुनने तो कभी उसकी सुनने में ही
मन खो जाता है ,
अंत में हिस्से में बस राख या मिट्टी ही आती है,
और एक अफ़सोस आता है हिस्से में
इसकी उसकी तो बहुत सुनी
आखिर मैंने अपनी क्यों नहीं सुनी ?

द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आत्मबल
आत्मबल
Shashi Mahajan
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
एक बात हमेशा याद रखिए जब किसी की ग़लती करने पर गुस्सा आये तो
एक बात हमेशा याद रखिए जब किसी की ग़लती करने पर गुस्सा आये तो
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
कविता __ ( मन की बात , हिंदी के साथ )
कविता __ ( मन की बात , हिंदी के साथ )
Neelofar Khan
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
जनाब पद का नहीं किरदार का गुरुर कीजिए,
जनाब पद का नहीं किरदार का गुरुर कीजिए,
शेखर सिंह
💐मैं हूँ तुम्हारी मन्नतों में💐
💐मैं हूँ तुम्हारी मन्नतों में💐
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।
इश्क़ में किसी मेहबूब की बाहों का सहारा हो गया ।
Phool gufran
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Agarwal
4448.*पूर्णिका*
4448.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
पूर्वार्थ
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
झूठ रहा है जीत
झूठ रहा है जीत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
ऐ सावन अब आ जाना
ऐ सावन अब आ जाना
Saraswati Bajpai
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हर दिन माँ के लिए
हर दिन माँ के लिए
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हाइकु -तेरे भरोसे
हाइकु -तेरे भरोसे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
कवि रमेशराज
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
Ajit Kumar "Karn"
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
Piyush Goel
मैंने नींदों से
मैंने नींदों से
Dr fauzia Naseem shad
"कलम की ताकत"
Dr. Kishan tandon kranti
राम कृष्ण हरि
राम कृष्ण हरि
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
"रिश्ता टूटे ना"
Yogendra Chaturwedi
Loading...