Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में

वीभत्स का तू धूप लिया हैं
मानसिकता अगुण रूप लिया हैं
भाई-चारा लूट लिया हैं
धन वैभव मन खोट किया हैं
जाति-पाती के दल-दल में
अनैतिकता के हल-चल में
व्यक्ति विवादित कल-कल में
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में

संभावित परिकोट लगा हैं
स्वाभिमान को चोट लगा हैं
द्रवित पीड़ा हैं हर घर-घर में
द्वेष पनप बैठा नर-नर में
वाक पटु के हर तू छल में
पुण्य,चरित्र सहिष्णुता गला चुके हो
सड़ी मीन सी अविरलता जल में
मैं (गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में

Language: Hindi
1 Like · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
पैसा बोलता है
पैसा बोलता है
Mukesh Kumar Sonkar
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
Ravi Prakash
2999.*पूर्णिका*
2999.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
धैर्य वह सम्पत्ति है जो जितनी अधिक आपके पास होगी आप उतने ही
धैर्य वह सम्पत्ति है जो जितनी अधिक आपके पास होगी आप उतने ही
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
"मां के यादों की लहर"
Krishna Manshi
ऐसे भी मंत्री
ऐसे भी मंत्री
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
Chunnu Lal Gupta
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
मलाल न था
मलाल न था
Dr fauzia Naseem shad
"कौन अपने कौन पराये"
Yogendra Chaturwedi
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
gurudeenverma198
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
तुकबन्दी,
तुकबन्दी,
Satish Srijan
यही जीवन है ।
यही जीवन है ।
Rohit yadav
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
Neeraj Agarwal
वो झील-सी हैं, तो चट्टान-सा हूँ मैं
वो झील-सी हैं, तो चट्टान-सा हूँ मैं
The_dk_poetry
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
■ जनादेश की ऐसी-तैसी...
■ जनादेश की ऐसी-तैसी...
*प्रणय प्रभात*
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
शेखर सिंह
"किनारे से"
Dr. Kishan tandon kranti
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बरसात आने से पहले
बरसात आने से पहले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*
*"अक्षय तृतीया"*
Shashi kala vyas
सत्य जब तक
सत्य जब तक
Shweta Soni
अँधेरा
अँधेरा
sushil sarna
Loading...