मेहनत
मेहनत
सोचते रहने से
सोते रहने से
बैठे रहने से
गाल बजाने से
कुछ हासिल नहीं होता है।
जग हँसाई होती है।
समय बीत जाता है।
बाद में पछताना पड़ता है।
मेहनत करने से ही
कार्य सम्पन्न होता है।
लक्ष्मी घर आती है।
समाज में इज्जत मिलती है।
मानो मेरा कहना सभी
रोना-धोना छोड़ो अभी
करो तुम कुछ ऐसा काम
जग में हो जिससे नाम।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़