– मेवाड़ के भीष्म पितामह रावत चुंडा जी –
– मेवाड़ के भीष्म पितामह रावत चुंडा जी –
राजस्थानी गीतो , बड़वो व राणीमगो में नाम जिसका आता,
जिसके त्याग व वीरता की गाथा,
दुनिया के लिए एक अनुपम उदाहरण बन पाता,
आजीवन मेवाड़ की सेवा में रहने की प्रतिज्ञा और राजगद्दी का त्याग,
पितृभक्ति में जिनका नाम सम्मान से है लिया जाता,
हरावल बनकर युद्ध की अगुवाई कर दुश्मनों को है साधा,
महाराणा की सेवा में तत्पर कीर्तिमान को पाया,
अगूठे के रक्त से महाराणा का राजतिलक कर परंपरा को है निभाया,
महाराणा कुंभा के 56 युद्धों में जीत का श्रेय जिसको है जाता,
चुंडाजी के वंशज आज दुनिया में चुंडावत कहलाते है,
जो आज भी अपनी परम्परा से हरावल का दर्जा पाते हैं,
ऐसे महान प्रतापी, सत्य निष्ट , सत्यवत, ढढ्ढ निष्ठा , वचन के पक्के चुंडाजी को भरत गहलोत कोटिश नमन कर पाता,
धन्य हो गई कलम भरत की ,
विश्व में अनुकरणीय चुंडाजी पर गहलोत कुछ लिख पाता
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –