मेरे होंठों पर
मेरे होठों पर है तेरा ये अफ़साना।
तेरे प्यार ने दिया मुझे ये नज़राना।
देख कर तेरा मुझे वो यूं हैरत से
बात करते वक्त,वो तेरा हकलाना।
मुड़ मुड़ के ,तेरा वो देखना मुझे
बात लगती थी,वो तब बचकाना।
इजहारे इश्क तूने जब था किया।
झुका कर नजरे वो मेरे शर्माना।
दर्द तो इस बात का बहुत है मुझे।
साथ रह कर भी तेरे बिछड़ जाना।
Kaur Surinder