मेरे हर दर्द की,तू ही एक दवा है..(भाग-1)
मेरे हर दर्द की,तू ही एक दवा है..(भाग-1)
चाहे क्यों ना दे ये दुनिया
कितने भी जख्म मुझे
मुझसे जुदा नहीँ कर सकता
कोई भी तुझे
ये छोटे-मोटे जख्म तो
हमारे मोहब्बत के गवाह है
बस एक ही गुजारिश है तुझसे
दिल तोड़ कर ना जाना कभी
क्योकि मेरे हर दर्द की तो
बस तू ही एक दवा है…
©पियुष राज