*मेरे साथ तुम हो*
मेरे साथ तुम हो
जब कोई खास काम हो ,
मन में कुछ सूझता ही ना हो,
जीवन जीने की बात हो,
दुख दर्द सताता रहता हो,
सहन शक्ति जब कम हो रही हो,
हिम्मत जब टूट रही हो,
हाथ पैर दुखने लगे हो,
बैचेनी घबराहट महसूस हो,
किसी काम में मन ना लगता हो,
जब मौन धारण कर लिया हो,
किसी से मिलने का मन भी ना हो,
अजीब सी आवाजें सुनाई देती हो,
कभी बाहर कभी अंदर इधर उधर हो,
मन की बात कोई समझ न पाया हो,
जब कोई राह न दिखाई देता हो,
तब सारी मुश्किल हल करने आ जाते हो,
फिर चुपके से आकर कानों में कह जाते हो ,
तब हिम्मत बंधा कर याद दिलाते हो,
मैं यही तुम्हारे पास हूं क्यों घबराते हो,
बस आंखे बंद करती हूं तुम सामने खड़े दिख दर्शन दे जाते हो,
हा,
बस इतना ही कहना है मुझे ,
आखिर हम क्यों भूल जाते हैं कि,
तुम मेरे साथ हो…..!!!
किस बात की चिंता फिकर
सच में
तुम मेरे साथ हो,
फिर डरने की क्या बात है
तुम मेरे साथ हो,तुम मेरे साथ हो….!!!
शशिकला व्यास शिल्पी ✍️