मेरे बहादुर पिता
३१ अगस्त के अवसर पर
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मेरे महान पिता की 16वीं पुण्यतिथि…
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बरसो पहले अब्बु जान पर दूफा७ इंडियनपैनल कोड ताजिरेते हिन्द चला यी गई थी …… और अब्बुजान उस से लड़े थे…… और बा इज्ज़त बरी हुए और वरिष्ठता से सी.ओ.
मेरठ बने थे
.. हमे याद है अब्बूजान पर तरह तरह के चार्ज लगाये गये थे जो बेबुनियाद थे
… कोर्ट में जब केस चला तो अब्बुजान उस आदमी के पास गए जिस ने अब्बुजान के खिलाफ झूठी गावाही दी थी।
तब अब्बूजान ने देखा वो आदमी तो पैरो से लाचार पढ़ा था
तब अब्बुजान ने कहा था ((देख परसो मेरी तारीख हाईकोर्ट में है तुझे सच का साथ देना होगा और गवाही देने आना होगा…वो बोला सर जी मेरे पैर मारे हुए हैं मैं केसे आ सकता हूं
तब अब्बूजान. ने उस से कहा. देख अगर तू सच्ची गवाही देने की नियत भी कर लेगा तो …
अल्लाह तुझे इतनी तकत देगा के तू खुद अपने पैरों से चल कर आ पाएगा ……. ..
और वो ही हुआ
वो जिसने अब्बुजान के खिलाफ झूठे केस और हजारो चार्ज लगाये थे……उसी आदमी को बकौल अब्बुजान इतनी ताकत दीअल्लाह ने वो खुद चल कर उस तारीख पर कोर्ट पहुचा और उस ने गवाही दी के ये चार्ज सब झूठे लगाए गये थे ये दफा 7 सब झूठी लगायी गयी थी और कोर्ट में उस ने कहा मुझे मुआफ कर दे सहाब आप सच्चे सईद है मुझ से बहुत बढ़ी गलती हुयी
और मेरे अब्बुजान ने उसे मुआफ कर दिया अब्बूजान कोर्ट से बा इज्जत बरी हुए और वरिष्ठ C.O. मेरठ के पद पर नियुक्त हुए और कामयाब पुलिस ऑफिसर के रूप मे पुलिस डिपार्टमेंट में पहचान बनाई और बहुत से केस हल किए
सलाम है आपको
अल्लाह आपको जनना तुल फिरदौस मे आला मुकाम दे
आमीन सुममाँ आमीन
ShabinaZ