राजनीति की आत्मा थे अटल बिहारी जी
तू क्यूँ हार गया मौत से…
अटल था अपनी सोच से…
तस्वीर मेरे हिन्द की बदल गया अटल,
कहेंगे अब हम अटल बिहारी कौन से…?
हो गये हैं हम सब मौन से…
दूध जलेबी खाते शौक से…
कवि, अजातशत्रु, प्रखर वक्ता थे अटल,
कहेंगे अब हम राजनीति के गुरु कौन से…?
सत्ता सँभाली भारी वोट से…
नवाज़ा गया भारत रत्न से….
किन्तु इंसानियत की राहें थीं इतनी अटल,
कहेंगे अब हम राजनीति की आत्मा कौन से…?
वे लिखते थे कविता मौज से…
तर्क इतने स्पष्ट जैसे हौज़ से…
लौटकर जाने कब आयेगा वही निर्मल अटल,
कहेंगे अब हम यथार्थपूर्ण हिन्द रत्न कौन से…?
#जज्बाती
#Rahul_rhs