Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2023 · 1 min read

मेरे प्रभु!

जहां में कोई स्थान हो या न हो
मगर मेरे प्रभु अपना आशीष रखना,
कि मैं ही मेरा आशियाना बनूं।
अकेली चलूं सिर उठाकर जियूं,
मगर हौसला हमेशा बरकरार रखना,
जहां में कोई स्थान हो या न हो
मगर मेरे प्रभु अपना आशीष रखना।
उम्मीदों का सिलसिला किसी से ना हो कभी,
मगर रिश्तों की पकड़ मजबूत रखना।
मुकम्मल करूं सभी संकल्प अपने,
इतना सा ही वरदान देना।
जहां में कोई स्थान हो या न हो
मगर मेरे प्रभु अपना आशीष रखना।।

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
असली नकली
असली नकली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ये सफर काटे से नहीं काटता
ये सफर काटे से नहीं काटता
The_dk_poetry
श्रम साधिका
श्रम साधिका
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
*उधो मन न भये दस बीस*
*उधो मन न भये दस बीस*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2680.*पूर्णिका*
2680.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
मोदी जी
मोदी जी
Shivkumar Bilagrami
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
Dr MusafiR BaithA
इश्क़ किया नहीं जाता
इश्क़ किया नहीं जाता
Surinder blackpen
गुरु से बडा ना कोय🙏
गुरु से बडा ना कोय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
सतत् प्रयासों से करें,
सतत् प्रयासों से करें,
sushil sarna
मैं हूं आदिवासी
मैं हूं आदिवासी
नेताम आर सी
हुनर से गद्दारी
हुनर से गद्दारी
भरत कुमार सोलंकी
अकेले आए हैं ,
अकेले आए हैं ,
Shutisha Rajput
******
******" दो घड़ी बैठ मेरे पास ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन का सम्बल
जीवन का सम्बल
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सताता है मुझको मेरा ही साया
सताता है मुझको मेरा ही साया
Madhuyanka Raj
आशा की एक किरण
आशा की एक किरण
Mamta Rani
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
*Author प्रणय प्रभात*
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
Deepak Baweja
Loading...