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28 Feb 2018 · 1 min read

मेरे पापा

मेरे खातिर किसी से,मेरे पापा डरते नहीं।
मेरी फिक्र के सिवा,वो कुछ सोचते नहीं।।
आज तक मैंने न देखा,उनके जैसा कोई धनवान;
जेब खाली हो फिर भी,मना करते नहीं।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.नं.-9628368094,7985502377

Language: Hindi
1 Like · 361 Views
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