मेरे पापा…
पापा तुमने हमे सन्मार्ग पर चलना सिखाया
समाजसेवा का मूल मंत्र आपने बताया
अच्छी अच्छी सामाजिक बातों को समझाया
आपकी छत्र छाया में पौधे से बढ़कर वृक्ष बने…
पापा आप दुनिया में महान हो
जीवन बाधा रहित हो
आपके मार्ग के कंटक
फूल बने…
अंगुली पकड़ चलना सिखाया
अपना दुलार हम पर लुटाया
सादा जीवन उच्च विचार अपनाया
अच्छे नागरिक गुणों को सिखाया
आपके नाम से ही मैने नाम पाया
आपके आदर्शों, गुणों को जीवन में अपनाया
हमेशा सुख दुख में साथ निभाया
भले ही आप नहीं है
लेकिन अब भी साथ में लगते हैं
ऐसा लगता है मानो आप जीवित है
’अंजुम’ युगों-युगों तक आपकों प्रणाम
न भूल पाऊंगा आपके अच्छे काम
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता ’अंजुम’
जाब्तागंज, नजीबाबाद, जिला बिजनौर, यूपी
मोबाइल नंबर-9152859828