Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2023 · 1 min read

#मेरे नयनों के उजियारे

🕉

★ #मेरे नयनों के उजियारे ★

हे त्रिनेत्र त्रिशूलधारी
तीनों लोकों से न्यारे
माँ गौराँ के हृदयेश्वर
प्राणवल्लभ प्रीतम प्यारे

मेरे नयना बस जाओ
मेरे सूरज – चाँद – सितारे

मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !

आस का पँछी उड़-उड़ जाए
ढूंँढे रैन बसेरा
काली रात लगे मनभावन
दिन लगे दु:खों का डेरा

कभी इस पार कभी उस पार
मन डोले तुझको पुकारे

मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !

पेड़ की जड़ धरती में बाँधी
ऊपर फूल खिलाए
माली सींचे भरी दुपहरी
जामुन बन्दर खाए

लूट गए सुख-चैन लुटेरे
सब छूट गए हैं सहारे

मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !

कब साथी छूटे कोई तारा टूटे
कोई समझ नहीं पाए
फूल-फूल भटकती मधुमक्खियाँ
मधु भालू पी जाए

बात सब बिगड़ी दुनिया उजड़ी
बन गए हैं हम बेचारे

मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !

इक सुत तेरा देवों का रक्षक
दूजा गणपति कहावे
निर्धन निर्बल पर आन पड़ी है
ज़रा कह दे किसको बुलावे

बलवानों के सब बन जाते
मेरी बिगड़ी कौन सँवारे

मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !

नाथों के नाथ भूतों के स्वामी
जटाओं में गंगा-धारा
भस्मरचैया मुखड़ा भोला
मनोहर सुन्दर प्यारा

तेरा हूँ मैं तेरा ही हूँ
मेरे दु:ख-सुख तेरे सारे

मेरे नयनों के उजियारे . . . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
आशिकी
आशिकी
साहिल
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
Paras Nath Jha
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
■ आज का आखिरी शेर।
■ आज का आखिरी शेर।
*प्रणय प्रभात*
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
Jitendra Chhonkar
2652.पूर्णिका
2652.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*इश्क़ से इश्क़*
*इश्क़ से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
दुर्गा माँ
दुर्गा माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विषय – मौन
विषय – मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
बंधन
बंधन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
"खुद के खिलाफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr.Priya Soni Khare
खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
ruby kumari
"ओस की बूंद"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
कवि रमेशराज
Loading...