मेरे दिल से तेरी हर एक याद निकल जाए तो अच्छा
मेरे दिल से तेरी हर एक याद निकल जाए तो अच्छा
बातों बातों में दिल की बात निकल जाए तो अच्छा
तू मुस्तकिल था मेरा है मेरा ये मेरा ख़्वाब कोरा था
ख्यालों में ख्यालों से ये ख्यालात निकल जाए तो अच्छा
प्रज्ञा गोयल ©®