मेरे दिल में वो बसी थी एक ग़लती बस यही थी।
मेरे दिल में वो बसी थी
एक ग़लती बस यही थी।
तब कैसे उससे प्यार हुआ
और हैसियत में वो बड़ी थी।
मैने उसको इज़हार किया
जब सामने वो खड़ी थी।
उसका एक दिन इकरार हुआ
मेरी तमन्ना ये रही थी।
मुझे अकेला छोड़ चली थी
“नितिन” की रूह तब जली थी।
– नितिन धामा