Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2022 · 1 min read

मेरे दिल को आजकल

यह क्या हो गया
मेरे दिल को आजकल कि
सारी कायनात इसी में पलने लगी
सारी दुनिया इसी में चलने लगी
इससे बाहर झांकू तो
लगता अब कुछ और नहीं अच्छा
मैं तो अपनी ही गिरह में सिमटकर
अपनी ही बाहों में फंसकर
अपनी ही पनाहों में कैद हो
गई।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
"सूत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
3239.*पूर्णिका*
3239.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
खाक पाकिस्तान!
खाक पाकिस्तान!
Saransh Singh 'Priyam'
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
'सवालात' ग़ज़ल
'सवालात' ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर लम्हा
हर लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
बाल विवाह
बाल विवाह
Mamta Rani
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
Rekha khichi
फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
फ़ितरत-ए-दिल की मेहरबानी है ।
Neelam Sharma
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
*रेल हादसा*
*रेल हादसा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
Shravan singh
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
दिनकर की दीप्ति
दिनकर की दीप्ति
AJAY AMITABH SUMAN
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
मन
मन
Sûrëkhâ Rãthí
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
"चुलबुला रोमित"
Dr Meenu Poonia
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
Loading...