मेरे तीखे शब्द
सोचो समझो इन बातो को, इन पे करो विचार
काम करो अब तुम हिम्मत से नई तो जेहो हार
संस्कार, संस्कृति, सदाचार, सद्चरित्र, सम्मान
पाप पुण्य ,परिश्रम ,पकवान, पंचामृत,परिधान
दान, दौलत, दरुआ, दहेज, दस्तखत
कलम, कदम, कामवासना, कुटुम्ब, कर्महीन
गुरु, गुरुकुल, गुटखा, गुफ्तगू, गुस्सा
किसान , किस्ती, कीचड़, किबाड़, किताब
नसीब, नेता, नमक, नामदार, निर्दयी
सोचो समझो इन बातो को, इन पे करो विचार
काम करो अब तुम हिम्मत से नई तो जेहो हार
✍️कृष्णकांत गुर्जर धनौरा