“मेरे अल्फ़ाज़”
“मेरे अल्फ़ाज़”
मोहब्बत में है बेताबियों का आलम
कभी रात भर नींद आनी नहीं है,
पढ़ा है सुना है ये दिल कह रहा है
कोई मीरा जैसी दीवानी नहीं है।
“मेरे अल्फ़ाज़”
मोहब्बत में है बेताबियों का आलम
कभी रात भर नींद आनी नहीं है,
पढ़ा है सुना है ये दिल कह रहा है
कोई मीरा जैसी दीवानी नहीं है।