Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2021 · 1 min read

मेरे अल्फ़ाज़ पढ़ता कौन है

गढ़ते हैं बड़ी मुद्दतों से अल्फ़ाज़, मगर पढ़ता कौन है,
पढ़ी उसनेे एक नज़्म,उसकी तरह मुझे पढ़ता कौन है।

उन्होंने पढ़ी हमारी अल्फ़ाज़ को और दीवानी हो गई,
अब हमारी अल्फ़ाज़ को तुम्हारी तरह पढ़ता कौन है।

लिख दूं अगर ग़लत तो सभी को गलतियां दिख जाती
मेरी अल्फ़ाज़ में छुपे जज्बात आखिर देखता कौन है

छुपे थे सालों से जो राज,उसका आगाज होने वाला था,
इश्क़ की नगरी है जनाब यहां बेवजह रोकता कौन है

तुम्हारी बस एक बात से गंभीर हो जाता है “शिवा”,
आखिर यहां अल्फ़ाजों की गहराई में उतरता कौन है

© Abhishek Shrivastava “Shivaji”

2 Likes · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बारिश
बारिश
Mr.Aksharjeet
चंद्रयान-थ्री
चंद्रयान-थ्री
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रवासी चाँद
प्रवासी चाँद
Ramswaroop Dinkar
चल पनघट की ओर सखी।
चल पनघट की ओर सखी।
Anil Mishra Prahari
आज़माइश
आज़माइश
Dr. Seema Varma
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
जीने की ख़्वाहिशों में
जीने की ख़्वाहिशों में
Dr fauzia Naseem shad
*🌸बाजार *🌸
*🌸बाजार *🌸
Mahima shukla
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
Sanjay ' शून्य'
2795. *पूर्णिका*
2795. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
Pramila sultan
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*Author प्रणय प्रभात*
तीज मनाएँ रुक्मिणी...
तीज मनाएँ रुक्मिणी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
पता पुष्प का दे रहे,
पता पुष्प का दे रहे,
sushil sarna
फितरत
फितरत
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बेवजह कदमों को चलाए है।
बेवजह कदमों को चलाए है।
Taj Mohammad
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
नाव मेरी
नाव मेरी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
💐प्रेम कौतुक-433💐
💐प्रेम कौतुक-433💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
Loading...