मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
मेरी सिया प्यारी को देखाअगर बतला दो करो एहसान कोई
तारागण व भान शशि तुम ही करो उपकार मेरा
सब कुछ देखा है तुमने चुप क्यों दो पहचान कोई
जलचर नभचर पेड़ समूह खोलो कुछ तो मुख अपना
चुपचाप खड़े हो किसका है डर कर लो इधर भी ध्यान कोई
ऐसा लगता है तुम सब ने मिलकर जाल फैलाया है
इतना ना मुझको तड़पाओ कर दो मेरा कल्याण कोई
होनी कहूं या अनहोनी संशय हजारों मन में है
सुझा नहीं कोई निवारण बन कै आ भगवान कोई
मैं गिन गिन बदले ले लूंगा फिर मत कहना यह शिकवा है
बलदेव सिंह फिर कैसा रहम जब करता है अपमान कोई