मेरी मौत की दुआ करो
मेरी मौत की दुआ करो जिंदगी मुझे हड़ती है।
तुम्हारे बिना रो रोकर बसर करनी पड़ती है।।
जब मैं तन्हा था तब तक तो ठीक लगती थी,
अब ये तन्हाई तो काटने को दौड़ पड़ती है।।
रुसवाई का डर था जो तुमने मुझे छोड़ दिया,
मगर जुदाई तुम्हारी मुझसे रात दिन झगड़ती है।।
सोंच अच्छी हो तो बात बने बिगड़ी भी,
हो बुरी सोंच तो बनी बात भी बिगड़ती है।।