मेरी माला के दो मोती
मेरी माला के
दो मोती
एक सूरज
एक चांद
एक सफेद
एक पीला
यह दोनों स्थाई हैं
एक मोती अस्थाई भी है
वह एक चमकते जुगनू सा
बैंगनी
आसमान में चमकती बिजली के तीर
के रंग का
मेरी माला में कुछ समय को
आकर चिपक जाता है
फिर कहीं खो जाता है
यह कुछ और नहीं
आसमान से टूटा कोई
भूला भटका तारा होता है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001