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8 Mar 2017 · 1 min read

मेरी माँ

♥ज़िन्दगी की तपती धूप में एक तनहा साया पाया है मैंने। जब खोली आँखें तो अपनी माँ को मुस्कुराता हुआ पाया मैंने। जब भी माँ का नाम लिया। उसका बेशुमार प्यार पाया मैंने। जब कोई दर्द महसूस हुआ,जब कोई मुश्किल आयी। अपने पहलू में अपनी माँ को पाया है मैंने । जागती रही वो रात भर मेरे लिये। जाने कितनी रातें उसे जगाया है मैंने । जिसकी दुआ से हर मुसीबत लौट जाये। ऐसा फरिश्ता पाया है मैंने ।।✨

Language: Hindi
715 Views
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