Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2018 · 1 min read

मेरी माँ

मेरी माँ
————-
जन्मते ही
मिला था जो
तेरी बाँहों का घेरा
आलिंगन और स्पर्श
रच दिया था उसने
एक सुरक्षा कवच
मेरे चारों ओर
निश्चिन्त थी मैं
जिसमें तेरे साथ रह कर,
जब से
छिनी है गोद
टूटा है
तेरी बाँहों का घेरा
खो गया है मेरा
सुरक्षा कवच
तब से
काँटों की चुभन में
कितने लहुलुहान हुए मेरे पाँव
किसी को नहीं पता
मेरी माँ!
———————————
डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून, उत्तराखंड

4 Likes · 23 Comments · 479 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all
You may also like:
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
gurudeenverma198
महंगाई का दंश
महंगाई का दंश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर रोज़
हर रोज़
Dr fauzia Naseem shad
सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
चाँदनी
चाँदनी
नन्दलाल सुथार "राही"
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
Amulyaa Ratan
Har Ghar Tiranga
Har Ghar Tiranga
Tushar Jagawat
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
DrLakshman Jha Parimal
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
उनके ही नाम
उनके ही नाम
Bodhisatva kastooriya
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
23/23.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/23.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब देर मत करो
अब देर मत करो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
अपने
अपने "फ़ास्ट" को
*Author प्रणय प्रभात*
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
Anand Kumar
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...