मेरी प्रेरणा
मेरे उर में जो मिला,
वह नाम है तुम्हारा ।
जीवन पथ पर सदा,
मिला मुझे सहारा ।।
बनकर तुम प्रेरणा,
चलती हो संग संग ।
हर पल जीवन में,
भर देती हो नवरंग ।।
जब कोई राह न सूझे,
हो चहुँओर गहन तम ।
तब बनकर एक किरण,
हर लेती हो सारा गम ।।
परिवार रथ की डोर,
तुमने रखी सदा थाम ।
मधुर मधुर महक रहीं,
जीवन की हर शाम ।।
मन की चेतना को,
उमंगों से देती हो भर ।
जब से कदम द्वार आए,
खुशियों से भरा यह घर ।।
खुश रहो यही कामना,
जग का मिले खूब प्यार ।
हँसते हँसते बीते दिन,
बसन्त की रहें बहार ।।