मेरी तलाश
एक दिन,
मेरी तलाश सबको होगी l
जख्म दिल का मेरे,
कहते हैं आम है l
पर दर्द हर दिल में,
ख़ास सबको होगी l
एक दिन,
मेरी तलाश सबको होगी l
न रोता हूँ मैं,
न अश्क़ है आँखों में l
संभाले समेटे,
नैनो के सागर में l
बहेगा नीर तभी,
जब प्यास सबको होगी l
एक दिन,
मेरी तलाश सबको होगी l
ऊब गई रास्तों से मंजिलें ही,
हौसले से बढ़ते कारवां का क्या दोष था?
हाथ पकड़ने की आदत जो नहीं थी,
बिखर गए, तो बवंडर का क्या दोष था?
उठ कर, संभल कर, जुड़ कर,
साथ चलने की आस सबको होगी l
एक दिन,
मेरी तलाश सबको होगी l
मैं तो ठहरा पगला पानी,
बह चला जो राह मिली l
है अंजुली की कीमत,
और सागर का एहसान नहीं l
बादलों को देख,
वो जाता है “देव” की कयास सबको होगी l
एक दिन,
मेरी तलाश सबको होगी l