मेरी जिन्दगी
बेशक तू कहती हैं, कि,
तू खूबसूरत नही ए जिन्दगी।
पर मुझसे तो पूछ, मेरी तो,
हर तमन्ना हैं तू जिन्दगी।।
मेरी तो हर अर्जओ आरज़ू,
तुझसे ही तो सुरू हैं जिन्दगी।
मेरे लिए तो तू अनमोल हैं,
मेरी दिलो-जान हैं ए जिन्दगी।।
मेरे हर ख्वाब मे हर स्वास मे,
तू ही तो समायी हैं जिन्दगी।
तेरे आँचल मे बीत जायेगी,
उम्र तमाम यूँही जिन्दगी।।
तू शील हैं सुशील हैं, मेरे हर,
राज की राजदार हैं ए जिन्दगी।
अब तू ही सोच कर देख, कि,
तू कितनी खूबसूरत हैं जिन्दगी।।
ललकार भारद्वाज