मेरी ग़ज़ल के दो शेर
चेहरे पर मुखौटा , तेरे शहर के लोग लगाए रहते हैं ।
दिल में कुछ और होता है ,जुबां से कुछ और कहते हैं।
नए आये हैं हम तो, तुम्हारे शहर में सनम , लेकिन
कुछ दिलदार,इस शहर में , हम से पहले भी रहते हैं।।
चेहरे पर मुखौटा , तेरे शहर के लोग लगाए रहते हैं ।
दिल में कुछ और होता है ,जुबां से कुछ और कहते हैं।
नए आये हैं हम तो, तुम्हारे शहर में सनम , लेकिन
कुछ दिलदार,इस शहर में , हम से पहले भी रहते हैं।।