मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
अभी समर है शेष जरा प्रकाश तो होने दो,,
जो उचक रहें है अपने बिल से,उनका फन कुचलेंगे हम
धैर्य रखो ओ मित्र अभी आगाज तो होने दो।
– पर्वत सिंह राजपूत(अधिराज )
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
अभी समर है शेष जरा प्रकाश तो होने दो,,
जो उचक रहें है अपने बिल से,उनका फन कुचलेंगे हम
धैर्य रखो ओ मित्र अभी आगाज तो होने दो।
– पर्वत सिंह राजपूत(अधिराज )