मेरी कहानी?? (भाग 1)
यह कोई कथित लेख या कोई स्वपनिक कहानी नहीं है यह मेरे लाइफ के वो पल है जिन्हें मैं कभी नहीं भूल सकती।
वो कहते है ना जब हम किसी चीज़ को दिल से चाहते है तो पूरी कायनात हमे उस चीज़ से मिलाने में लग जाती है। बस, ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ। ये बात उन दिनों की है जब हमारे समाज मे लड़कियों को उच्च शिक्षा देने के लिए घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था, उन्हें गावँ के ही किसी विद्यालय से शिक्षित किया जाता था।
मैंने भी अपनी स्कूली शिक्षा गावँ से ही की लेकिन दसवीं के बाद मेरा मन था कि मैं इंजीनियरिंग करू और मैने यह बात अपने घर पर बताया…???
आगे की कहानी भाग – 2 में…..?????8