मेरी कविता
मेरे नये अंदाज़ हैं,
अब अंदाज़ों में रहने दों,
बढ़ रही दिल में खुशियों कि उमंग,
अभी उमंगों में ही रहने दों,
मौका मिला अभी मुझे हैं,
उस मौके के काबिल तो बनने दों,
अल्फ़ाज़ बिखरें हैं,
बिखरते चला जाऊँगा,
थोड़ी मेरे दिल कि भी तो मुझे सुनने दों!!