मेरी कविता
“जब सुहानी हवायें बह रही होगी!”
“तब तेरे कानों में कुछ कह रही होगी!”
“भीड़ तो होगी तेरे आस-पास बहुत!”
“तन्हाई तेरे आस-पास रह रही होगी!”
“जब चिड़िया चेहेक रही होगी!”
“तब तुझे कोई पुकार रहा होगा!”
“जब मिलेंगे मौसम में कहीं!”
“तब बारिश में तुम भीग रही होगी!”
“जब मिलेंगे अरमानों में कही!”
“तब तन्हाई तुझे कुछ पूछ रहीं होगी!”
“कभी कभी खुश हो रहीं होगी!”
“दूर रहकर भी पास रह रही होगी!”
“जिंदगी में भी कुछ हमसे कह रहीं होगी!”