Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2018 · 1 min read

मेरी कविता

अपनों से ज्यादा परे नहीं होते,
लम्हों से ज्यादा समय नहीं होता,
काँच के छोटे छोटे टूकड़े बिखरें हुये जुड़े नहीं होते,
अफ़सोस से ज़िन्दगी मगरूर होती हैं,
दिल में बसी तो सुकुन होती हैं!

Language: Hindi
1 Like · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन  बंजारा  लौट  चला  है, देखी  दुनियादारी।
मन बंजारा लौट चला है, देखी दुनियादारी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भगवान
भगवान
Adha Deshwal
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
सूना- सूना घर लगे,
सूना- सूना घर लगे,
sushil sarna
मांँ
मांँ
Diwakar Mahto
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
Lakhan Yadav
Really true nature and Cloud.
Really true nature and Cloud.
Neeraj Agarwal
दर्द की धुन
दर्द की धुन
Sangeeta Beniwal
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
Neelofar Khan
नव वर्ष गीत
नव वर्ष गीत
Dr. Rajeev Jain
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
Rj Anand Prajapati
मिट्टी का बदन हो गया है
मिट्टी का बदन हो गया है
Surinder blackpen
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"भेड़ों के झुंड" और "भाड़े की भीड़" में एकमात्र अंतर यह है कि भ
*प्रणय*
#हमें मजबूर किया
#हमें मजबूर किया
Radheshyam Khatik
3739.💐 *पूर्णिका* 💐
3739.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
Dr. Vaishali Verma
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
और तो क्या ?
और तो क्या ?
gurudeenverma198
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा :- हमार
Rituraj shivem verma
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Srishty Bansal
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
अलमस्त रश्मियां
अलमस्त रश्मियां
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"मौसम"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
DrLakshman Jha Parimal
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
Loading...