Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2018 · 1 min read

मेरी कविता मेरी माँ

माँ ज़िन्दगी का हिस्सा हैं,माँ का प्यार चाय की प्याली के जैसा, मीठा हैं,माँ कोमल हैं,माँ ममता की प्यारी हैं, माँ जीवन हैं,माँ सुनहरे से जीवन का सुनहरा सा हिस्सा हैं,माँ अनमोल हैं, माँ कीमती हैं,माँ मधूर हैं,माँ का प्यार सच्चा प्यार हैं,माँ ज़िन्दगी का बहुत बड़ा हिस्सा हैं,माँ की गोद लोरियों की सुन सबसे प्यारी न्यारी हैं,माँ एक ज़िन्दगी का सबसे अनमोल खज़ाना हैं,माँ के बिना हर पल सुना सुना हैं,माँ के बिना सब कुछ अधूरा अधूरा हैं,
माँ निर्गुण, कोमल,शीतल,चंचल हैं,माँ सुनहरे से जीवन की सुनहरी सी घर की ममता हैं,माँ का प्यार बहुत सच्चा बहुत अच्छा हैं,माँ हरेभरें आँगन की हरिभरी खूबसूरत सी जननी हैं,माँ की गोद ही ममता की छायाँ हैं,माँ के बिन सब कुछ अधूरा हैं,माँ का साथ बहुत कीमती बहुत अनमोल हैं,माँ सुख दुःख का साथ साथ हैं,
माँ आदर सम्मान हैं,माँ का साथ माँ का प्यार जीवन का सबसे बड़ा कीमती अनमोल हैं, माँ सरस्वती हैं, माँ का प्रेम जीवन अनमोल हैं, माँ मेरे लिए बहुत अनमोल हैं,माँ अच्छी दोस्त, अच्छी सहेली, अच्छी तरह से सबको संभालती हैं, हँसते रोते, उठते बैठते, खाते पीते, माँ बहुत बहुत अनमोल हैं,माँ जीवन का जीवन ही सबसे बड़ा संसार हैं,माँ के बिना सबकुछ अधूरा हैं!

Language: Hindi
1 Like · 5 Comments · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
** लिख रहे हो कथा **
** लिख रहे हो कथा **
surenderpal vaidya
I've washed my hands of you
I've washed my hands of you
पूर्वार्थ
अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी
अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी
AVINASH (Avi...) MEHRA
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
Pakhi Jain
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
महायुद्ध में यूँ पड़ी,
महायुद्ध में यूँ पड़ी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सूर्य तम दलकर रहेगा...
सूर्य तम दलकर रहेगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ भी तो इस जहाँ में
कुछ भी तो इस जहाँ में
Dr fauzia Naseem shad
बस कट, पेस्ट का खेल
बस कट, पेस्ट का खेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
Bundeli Doha - birra
Bundeli Doha - birra
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
DrLakshman Jha Parimal
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
लक्ष्मी सिंह
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
Monika Verma
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
गंदा धंधा
गंदा धंधा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मंजिल तो  मिल जाने दो,
मंजिल तो मिल जाने दो,
Jay Dewangan
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
■ यादगार लम्हे
■ यादगार लम्हे
*Author प्रणय प्रभात*
2282.पूर्णिका
2282.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मजदूर
मजदूर
umesh mehra
Loading...