मेरी कविता माँ
I❤️love❤️ mom
मदर्स-डे की हार्दिक शुभकामनाएँ
ना ही अपनों से खुलता हैं,
ना ही गैरों से खुलता हैं,
ये जन्नत का दरवाज़ा हैं,
जो माँ के पैरों से खुलता हैं।।
✍️✍️
हार्दिक महाजन
I❤️love❤️ mom
मदर्स-डे की हार्दिक शुभकामनाएँ
ना ही अपनों से खुलता हैं,
ना ही गैरों से खुलता हैं,
ये जन्नत का दरवाज़ा हैं,
जो माँ के पैरों से खुलता हैं।।
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हार्दिक महाजन