मेरी कलम क्यों उदास है
मेरी कलम उदास क्यो है ,
पानी को प्यास क्यो है |
सब कुछ खोकर भी
पाने की आस क्यों है |
प्रियवर को पाकर भी
मनवा उदास क्यों है |
कर्म अच्छे नहीं उसके
उजला लिबास क्यों है |
जिस दरिया पर नदी का
नित नित आना जाना है |
वह दरिया भी अब
इस तरह उदास क्यों है |
मेरी कलम उदास क्यों है
रिश्तो में कटास क्यों है |
कवि दीपक सरल