Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2024 · 1 min read

मेरी उलझन

आज मन इतना उदास क्यों है
इस उदासी का कारण क्या है?
बहुत सोचता हूँ कि इस स्थिति बाहर निकलूँ,
पर इसका मार्ग भी तो नहीं मिलता।
यूँ तो बहुत समझदार हूँ मैं
ये भी आप सब ही कहते हैं?
कहाँ गुम हो गई वो समझदारी
जो आज ढूंढ़े से नहीं मिलती।
लगता है कि मैं और उलझता जा रहा हूँ
उलझन का कारण भी समझ नहीं पा रहा हूँ,
इसलिए आप सबसे गुजारिश कर रहा हूँ
कोई तो समझाये मुझे, इसलिए फरियाद कर रहा हूँ।
अपनी समझदारी से लाचार हो रहा हूँ
अपनी ही उलझन खुद नहीं सुलझा पा रहा हूँ
हल पाने का इंतजार कर रहा हूँ।
कोई मुझे इस उलझन से उबार ले
समझदारी का मेरा तमगा भले ही वापस ले ले
जैसे भी हो मुझे मुश्किल से निकाल ले,
बस! इतना सा एहसान कर दे
चाहे तो आभार धन्यवाद अग्रिम ले ले,
पर जैसे भी हो मेरी उदासी का कोई हल दे दे।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आंधी
आंधी
Aman Sinha
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
..
..
*प्रणय प्रभात*
शिल्प के आदिदेव विश्वकर्मा भगवान
शिल्प के आदिदेव विश्वकर्मा भगवान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आज पशु- पक्षी कीमती
आज पशु- पक्षी कीमती
Meera Thakur
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खामोशियां आवाज़ करती हैं
खामोशियां आवाज़ करती हैं
Surinder blackpen
बंधन
बंधन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
"खिड़की"
Dr. Kishan tandon kranti
2893.*पूर्णिका*
2893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
DrLakshman Jha Parimal
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
"Do You Know"
शेखर सिंह
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
Ravi Prakash
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जीवन के बसंत
जीवन के बसंत
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस प
डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस प
पूर्वार्थ
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
Paras Nath Jha
Monday Morning!
Monday Morning!
R. H. SRIDEVI
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
VINOD CHAUHAN
*पीता और पिलाता है*
*पीता और पिलाता है*
Dushyant Kumar
"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे या तो प्र
Urmil Suman(श्री)
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
Harminder Kaur
अधूरी
अधूरी
Naushaba Suriya
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
Loading...