Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2023 · 1 min read

“मायने”

“मायने”
चलने की गति नहीं,
चलने की दिशा
मायने रखती है…।

– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

9 Likes · 5 Comments · 156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
दोस्ती
दोस्ती
Monika Verma
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
Wakt ke girewan ko khich kar
Wakt ke girewan ko khich kar
Sakshi Tripathi
तैराक हम गहरे पानी के,
तैराक हम गहरे पानी के,
Aruna Dogra Sharma
💐प्रेम कौतुक-97💐
💐प्रेम कौतुक-97💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय "प्रेम" ही है
DEVESH KUMAR PANDEY
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
लिखता हम त मैथिल छी ,मैथिली हम नहि बाजि सकैत छी !बच्चा सभक स
DrLakshman Jha Parimal
तेरी हर अदा निराली है
तेरी हर अदा निराली है
नूरफातिमा खातून नूरी
रमेशराज के दो लोकगीत –
रमेशराज के दो लोकगीत –
कवि रमेशराज
Trying to look good.....
Trying to look good.....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मच्छर
मच्छर
लक्ष्मी सिंह
सत्य न्याय प्रेम प्रतीक जो
सत्य न्याय प्रेम प्रतीक जो
Dr.Pratibha Prakash
कांग्रेस की आत्महत्या
कांग्रेस की आत्महत्या
Sanjay ' शून्य'
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
शेखर सिंह
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
VINOD CHAUHAN
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कोई भी इतना व्यस्त नहीं होता कि उसके पास वह सब करने के लिए प
कोई भी इतना व्यस्त नहीं होता कि उसके पास वह सब करने के लिए प
पूर्वार्थ
जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
Ashok deep
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
"प्रत्युत्तर"
*Author प्रणय प्रभात*
बता ये दर्द
बता ये दर्द
विजय कुमार नामदेव
*मिला है जिंदगी में जो, प्रभो आभार है तेरा (मुक्तक)*
*मिला है जिंदगी में जो, प्रभो आभार है तेरा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आया नववर्ष
आया नववर्ष
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कितनी सहमी सी
कितनी सहमी सी
Dr fauzia Naseem shad
शिव की महिमा
शिव की महिमा
Praveen Sain
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
Loading...