मेरी उड़ान
मेरी उड़ान
————-
मेरे सपनों की उड़ान को,
तुमने ही तो पंख दिया।
ख्वाबों को मेरे पूरा कर,
मेरी उड़ान को पूरा किया।।
हार कर जब कभी में थक जाती,
जब तुम ही पापा मेरा,
हौंसला बढ़ाते ।
और तुम्हारी हिम्मत से में पापा,
आगे को बढ़ पाती।
कदम-कदम पर साथ दिया,
तुमने पथ पर चलकर।
मेरा जीवन तुमने ,
स्वर्णिम सा रोशन किया!
मेरे सपनों की उड़ान को ,
तुमने आसमान दिया—–
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर