मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
शेर जम जाये तो ताली भी बजाते रहिए
आँख से हो के ही जाता है दिलों का रस्ता
दिल में आने के लिए आँख लड़ाते रहिए
बाल नुच जायें तो नुच जायें सभी सिर के मगर
यूँ ही सड़कों पे सदा इश्क़ लुटाते रहिए
याद उसकी मुझे बेचैन बहुत करती है
जबतलक होश न खो जाये पिलाते रहिए
आपको भी कहा जायेगा, बड़ा शायर है
एक ही नज़्म को हर बार सुनाते रहिए
चैन से जीना है ‘आकाश’ अगर घर में तो
पाँव घरवाली के हर रोज़ दबाते रहिए
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 04/04/2024