मेरी आदर्श
मेरी मां आदर्श हे मेरी, जो कष्टों में भी गाती है
जीवन के गीत सुनाती है
मां अपनी संतान के खातिर, अपना सर्वस्व लुटाती है
त्याग तपस्या की मूरत, मां सूरत है भगवान की
दुनिया में सबसे अच्छी है, मां ही सकल जंहान की
मेरी आदर्श बहन है मेरी, आशीषों से झोली भरती है
अपना सुख दुख भूल सभी, प्रेम सभी से करती है
मेरी बेटी आदर्श है मेरी, जो घर खुशियों से भरती है
सारे घर का काम करें, और उतनी ही पड़ती है
ईश्वर का वरदान है बेटी, जो सारे जग की जननी है
मेरी पत्नी आदर्श है मेरी, गृहस्ती का बोझ उठाती है
आजन्म सभी की सेवा में, जीवन सदा लगाती है
मां बहन बेटी इस जग में, ईश्वर का वरदान है
आओ करें सब नमन इन्हें, ये दुनिया की शान हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी